शहीद के सम्मान में फेडरेशन ने बनवा दिया चौक
कारगिल युद्ध में शहीद हुए सुरेंद्र सिंह की पत्नी लखविंद्र कौर का कहना है कि उसके परिवार को सेना व सरकार की ओर से मिलने वाली सभी प्रकार की सहायता तो मिल रही है, लेकिन जो वायदे प्रशासन व सरकार के नुमाइंदों ने उसके पति के नाम पर चौक व सड़क बनाने की घोषणा की थी वह दस साल बाद भी पूरी नहीं की।लेकिन हरियाणा यूथ फेडरेशन ने उसके पति के नाम चौक बनाकर उस पर शहीद सुरेंद्र सिंह प्रतिमा लगाकर उसे जो सम्मान दिया है, इसके लिए उसका परिवार संस्था का सदा ऋणी रहेगा। संस्था द्वारा किए गए कार्य के कारण शहीद सुरेंद्र सिंह को आने वाली पीढ़ी याद करेगी और उससे प्रेरणा लेकर बच्चों में देश भक्ति की भावना पैदा होगी। शहीद सुरेंद्र सिंह गांव कक्योर माजरा का रहने वाला था वह कारगिल युद्ध में 20 सितंबर 2000 को दुश्मनों के साथ लड़ते हुए
शहीद हो गए थे।
शहीद होने से दो दिन पहले उसने अपने परिजनों को बताया था कि उसे छुट्टी मिल गई है और वह गांव आ रहा है, लेकिन कारगिल में चल रहा युद्ध तेज होने से उसकी छुट्टी कैंसल हो गई ओर दो दिनों बाद उसके परिजनों को पता चला कि उनका लाडला सुरेंद्र सिंह कारगिल युद्ध में शहीद हो गया है। जिला प्रशासन चाहे शहीद सुरेंद्र सिंह को याद करे या न करे लेकिन ग्रामीण 20 सितबंर, 26 जनवरी व 15 अगस्त को शहीद सुरेंद्र के चित्र पर पुष्प अर्पित करना नही भूलते।
गांव कक्योर माजरा के लोगों का कहना है कि संस्कार के दौरान प्रशासन व सरकार ने शहीद सुरेंद्र सिंह के परिजनों को विश्वास दिलाया था कि शहीद सुरेंद्र सिंह के नाम पर चौक व सड़क बनाऐंगे तथा उसके घर का बिजली बिल भी फ्री किया जाएगा लेकिन आज तक इनमें से कोई भी कार्य पूरा नही हुआ है।
यह है शहीद सुरेंद्र का परिवार
शहीद सुरेंद्र सिंह अपने पीछे पच्ी लखविंद्र कौर, दो लड़के जितेन्द्र सिंह व विरेन्द्र सिंह और लड़की मनदीप कौर को छोड़ गया था।
सेना ने उसके लड़के जितेंद्र सिंह व
लड़की मनदीप कौर को उसी समय शिक्षा
दिलाने के लिए जब्बलपुर सैनिक बोर्ड में ले गई थी जहां वह आज भी शिक्षा प्राप्त कर रहे हंै जबकि तीसरा लड़का विरेन्द्र छोटा होने के कारण अपनी माता के साथ गांव में ही शिक्षा प्राप्त कर रहा है।
पिता का सपना साकार हुआ
शहीद सुरेंद्र सिंह का पिता गुरनाम सिंह पिछले दस साल से आपने पुत्र शहीद सुरेंद्र सिंह की याद में बनाए जाने वाले चौक व सड़क के लिए सरकार व प्रशासन के चक्कर काट रहा था उसकी एक ही इच्छा थी कि किसी भी तरह उसके पुत्र की याद में बनाए जाने वाले चौक का निर्माण उसके जीते जी पूरा हो जाए। उन्होंने बताया कि उसे आश्वासन तो पिछले नौ साल से मिल रहा था लेकिन उसका यह सपना हरियाणा यूथ फेडरेशन ने पूरा कर एक सराहनीय कार्य किया है।
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